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ग्रामीण मीडिया सेण्टर| आठनेर
डॉक्टर ने जताई हार्ट अटैक की आशंका
आदिम जाति कल्याण विभाग बैतूल के एक छात्रावास में रहने वाले एक छात्र की आज सुबह 5.30 बजे संदिग्ध मौत हो गई। सूचना मिलते ही प्रशासनिक हल्कों में हड़कंप की स्थिति उत्पन्न हो गई और आला अधिकारी तत्काल मौके पर रवाना हो गए। छात्र के शव को पोस्टमार्टम के लिए आठनेर लाया गया। बताया जा रहा है कि छात्र पिछले कुछ समय से बीमार था।
मिली जानकारी के अनुसार आठनेर के समीप स्थित ग्राम टेमुरनी में संचालित प्री-मेट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास में रहने वाला छात्र मनोज उइके 8वीं कक्षा का विद्यार्थी था। सुबह 5.30 बजे अचानक छात्र को उल्टीयां हुई और उसकी तबीयत बिगडऩे लगी। छात्रावास के भृत्य ने तत्काल इसकी सूचना अधीक्षक के के गल्फट को दी और छात्र को उपचार के लिए आठनेर लाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
इस मामले में आदिवासी विकास विभाग के सहायक असयुक्त अमरनाथ सिह की माने तो ब्लाक मेडिकल अधिकारी ने छात्र की मौत हार्ट अटैक से होना बताया जा रहा है
। छात्र की तबियत पहले से खराब थी आज भी तबियत बिगड़ने पर ईलाज के लिए अस्पताल लाया गया था पीएम की रिपोर्ट आने पर आगे की कार्यवाही की जाएगी ।
छात्र के पिता सुखनंदन के मुुताबिक
रात 12 बजे बच्चे को अचानक उलिटिया हुई थी उसके बाद वो सो गया सुबह चार बजे अचानक तबियत खराब होने पर अस्पताल लाया रहे थे रास्ते मे उसकी मौत हो गई उसकी तबियत पहले भी खराब हुई थी ।
पुलिस ने छात्र मनोज सलामे के शव की प्राथमिक जांच कर शव का पीएम करवाकर बिसरा जांच जे लिए भेज दिया है ।
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ग्रामीण मीडिया सेण्टर| मुलताई
13 दिसंबर 2013 को ग्राम हिवरखेड़ में जमीन विवाद में पिता पुत्र में हुआ था विवाद
प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश एमएस तोमर ने पिता पुत्र में जमीन के बटवारे को लेकर हुए विवाद के दौरान पिता की मौत के प्रकरण में आरोपी पुत्र को गैरइरादतन ह्त्या का दोषी ठहराते हुए सात साल की सजा और जुर्माने से दंडित किया है।
सरकारी वकील भोजराजसिंह रघुवंशी के अनुसार ग्राम हिवरखेड़ निवासी गहनाबाई सूर्यवंशी ने पुलिस थाने में रिर्पोट दर्ज कराई थी उसके पति नागोराव ने पैतृक जमीन बड़े पुत्र पंजाबराव छोटे पुत्र अजाबराव को बराबर हिस्से में बांट दी थी। पंजाबराव खेती को लेकर पिता से विवाद करता था आए दिन विवाद होते रहने से अजाबराव बहन के घर ग्राम सेदूरजनाघाट रहने चला गया।
13 दिसंबर 2013 कीे दोपहर में पंजाबराव ने पिता नागोराव से विवाद किया और पिता को जमीन पर पटक कर सिर पर पत्थर से वार किया जिसके चलते नागोराव की घटना स्थल पर ही मौत हो गई। पुलिस ने गहनाबाई की रिर्पोट पर आरोपी पंजाबराव के खिलाफ ह्त्या का केस दर्ज किया था। विवेचना उपरांत पुलिस ने प्रकरण न्यायालयमें प्रस्तुत किया। न्यायाधीश एमएस तोमर ने प्रकरण की सुनवाई उपरांत आरोपी पुत्र का क्रत्य गैरइरादतन ह्त्या का निरूपित करते हुए आरोपी पंजाबराव सूर्यवंशी को धारा 304 के तहत दोषी ठहराते हुए सात साल कारावास की सजा 5 हजार रुपए के अर्थदंड से भी दंडित किया है।
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ग्रामीण मीडिया सेण्टर|मुलताई

तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश कृष्णदास महार ने छात्रा से छेड़छाड़ करने आरोपी को दोषी ठहराते हुए तीन वर्ष की सजा से दंडित किया है। सरकारी वकील राजेश साबले के अनुसार कक्षा दसवी में अययनरत छात्रा 21 सितंबर 2016 को कोचिंग जा रही थी उसी दौरान विजय पिता बेनी नारे रास्ते में मिला और जबरन बाइक पर बैठाकर छावल के मंदिर ले गया जहा विजय ने छात्रा के साथ विवाह कर लिया। विवाह की जानकारी किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी देने के बाद विजय ने छात्रा को घर के पास लाकर छोड़ दिया। 8 मार्च 2017 को शाम पाच बजे छात्रा कोचिंग क्लास जा रही थी तो विजय ने उसे झोपउ़ी में ले जाकर बंधक बना कर रखा छात्रा के परिजनों को जानकारी मिलने पर विजय ने छात्रा को छोड दिया। 14 मार्च 2017 को विजय ने छात्रा के घर पर पहुच कर छेड़छाड़ की और छात्रा की मा चाची के सामने छात्रा से विवाह करने की बात कहकर भाग गया। छात्रा की रिर्पोट पर पुलिस ने आरोपी विजय नारे के खिलाफ अपहरण करने,छेड़छाड़ करने सहित पास्को एक्ट की धारा के तहत केस दर्ज कर विवेचना उपरांत प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत किया। न्यायाधीश कृष्णदास महार ने प्रकरण की सुनवाई उपरांत आरोपी विजय नारे को छेड़छाड़ के आरोप में दोषी ठहराते हुए तीन वर्ष के कारावास की सजा और एक हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।
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ग्रामीण मीडिया सेण्टर| मुलताई

पति से छल कर विवाह करना एक महिला को यहां मंहगा पड़ गया। अदालत ने न केवल उसकी शादी को शून्य घोषित कर दिया है बल्कि उसकी भरण पोषण की मांग को भी खारिज कर दिया है। मामला आमला थाना इलाके के गांव का है।यहां एक ग्रामीण युवक ने गत अप्रैल 2016 में शादी की थी। शादी के चार माह बाद जब वह गर्भवती बीबी का डॉक्टरी परीक्षण कराने ले गया तो उसके पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई। जांच में पता चला कि उसकी बीवी को 32 सप्ताह 4 दिन का यानी करीब 8 माह का गर्भ है जबकि उसकी शादी को अभी चार माह ही गुजरे थे। इसे पत्नी द्वारा उसके साथ छल मानते हुए व्यक्ति ने हिन्दू मैरिज एक्ट की धारा 12 के तहत पत्नी के खिलाफ याचिका पेश कर दी। मुलताई के अपर जिला न्यायाधीश कृष्णदास महार की अदालत में पति द्वारा अपने विवाह को शून्य घोषित करने की याचिका पेश की गई थी। पति ने अदालत को बताया कि उसके साथ छल कपट कर शादी के पूर्व की जानकारी छिपाई गयी थी। जबकि वधु पक्ष ने इस मामले में भरण पोषण दिलाने की मांग की थी।लेकिन अदालत ने इस मांग को खारिज कर व्यक्ति का विवाह शून्य घोषित कर दिया। इस मामले में पति की ओर से पैरवी अधिवक्ता राजेन्द्र उपाध्याय ने की। दिया है। मामला आमला थाना इलाके के गांव का है।यहां एक ग्रामीण युवक ने गत अप्रैल 2016 में शादी की थी। आवेदक ने अदालत को बताया कि शादी के चार माह बाद जब वह गर्भवती बीबी का डॉक्टरी परीक्षण कराने ले गया तो उसके पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई। जांच में पता चला कि उसकी बीवी को 32 सप्ताह 4 दिन का यानी करीब 8 माह का गर्भ है जबकि उसकी शादी को अभी चार माह ही गुजरे थे। इसे पत्नी द्वारा उसके साथ छल मानते हुए व्यक्ति ने हिन्दू मैरिज एक्ट की धारा 12 के तहत पत्नी के खिलाफ याचिका पेश कर दी। मुलताई के अपर जिला न्यायाधीश कृष्णदास महार की अदालत में पति द्वारा अपने विवाह को शून्य घोषित करने की याचिका पेश की गई थी। पति ने अदालत को बताया कि उसके साथ छल कपट कर शादी के पूर्व की जानकारी छिपाई गयी थी। जबकि वधु पक्ष ने इस मामले में भरण पोषण दिलाने की मांग की थी।लेकिन अदालत ने इस मांग को खारिज कर व्यक्ति का विवाह शून्य घोषित कर दिया। इस मामले में पति की ओर से पैरवी अधिवक्ता राजेन्द्र उपाध्याय ने की। www.graminmedia.com