ग्रामीण मीडिया सेण्टर| सरकार महिलाओ के उत्थान के लिए अनपी कितनी भी पीठ थपथपाले लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है। इनमे इतनी निराशा क्यों इस माह जिले में आत्महत्या करने के मामले बढ़ गए हैं। 20 दिनों में 8 महिला व युवतियां ने हताश होकर सुसाइड किया है। इनमें छेड़छाड़ और ब्लैकमेलिंग सहित पारिवारिक विवाद सामने आए हैं।
बैतूल जिले में जरा सी बात पर फांसी लगाकर आत्महत्या करने की घटनाएं बढ़ रही हैं। मंगलवार को भी प्रभातपट्टन ब्लाॅक के मंगोना गांव की एक छात्रा ने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। छात्रा को देर तक सोने पर मां ने डांटा था। इतनी सी बात पर खफा होकर छात्रा फंदे पर झूल गई।
अस्पताल चौकी प्रभारी सुरेंद्र वर्मा ने बताया मंगोना गांव निवासी सीमा पिता रामनाथ नागले (19) ने घर में फांसी लगा ली। परिजन उसे फंदे से उतारकर जिला अस्पताल लेकर आए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। चौकी प्रभारी सुरेंद्र वर्मा ने बताया छात्रा ओपन स्कूल से दसवीं की परीक्षा दे रही थी। अगले माह उसकी परीक्षा थी। मंगलवार सुबह वह देर तक सो रही थी। इससे मां ने उसे डांट लगा दी थी। इससे नाराज होकर उसने फांसी लगा ली। घटना की जांच की जा रही है।
छत के कवेलू हटाकर घर में घुसकर फंदे से उतरा
मृतका की बड़ी बहन पूजा ने बताया सीमा और मैं सुबह 8 बजे सोकर उठे थे। इसके बाद मैं शौच चली गई। दो छोटे भाई और मां बकरी चराने चले गए थे। जब मैं शौच से वापस आई तो सीमा ने घर का दरवाजा बंद कर दिया था। आवाज देने के बाद भी दरवाजा नहीं खोला। मैंने पड़ोसियों को आवाज लगाई। बड़े पापा के बेटे जितेंद्र ने छत पर जाकर देखा तो सीमा फांसी लगा रही थी। इसके बाद जितेंद्र किचन की छत का कवेलू हटाकर घर के अंदर गया और दरवाजा खोला। इसके बाद हम सबने मिलकर कर सीमा को फांसी के फंदे से उतारा। सीमा की सांसें चल रही थीं। इसीलिए उसे पहले प्रभातपट्टन अस्पताल ले गए, जहां से जिला अस्पताल लाए।
छात्रा बोली- जानना चाहती थी जहर खाने के बाद कैसे तड़प कर मरते हैं, इसलिए खाया था।
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