.,ग्रामीण मीडिया संवाददाता
मुख्यमंत्री असंगठित मजदूर कल्याण योजना बनाम चुनाव जीतने का फंडा
ग्रामीण मीडिया ने मध्य प्रदेश शासन,श्रम विभाग द्व्रारा असंगठित मजदूरों के रूप में पंजीयन का काम पुरे जोर-शोर से प्रारम्भ है। एक अच्छा काम भी है। ग्रामीण मीडिया ने इस पंजीयन का अपने नगर का अध्य्यन किया तो, चौकाने वाले आकड़े देखे और पाया की, मुलताई नगर की को आबादी का ७० प्रतिशत आबादी इस में पंजीब्द हो गई है। जो हाल मुलताई के है वही प्रदेश के हर ग्राम और नगर के भी है।
प्रशासन नगर के हर नागरिको को इससे जोड़ कर , उनको इस योजना का व्यक्तिगत लाभ दिलाने का भरसक प्रयास कर रहा है। ग्रामीण मीडिया का मत है की चुनावी फंडा है।
ग्रामीण मीडिया ने इस आरोप को प्रमाणित करने के लिए मुलताई नगरपालिका से आकड़े प्राप्त करके पाया। मुलताई नगर की कुल आबादी लगभग ३० हजार है। उसमे से १८ साल तक के बच्चे और ६० साल के ऊपर की आयु वाले छूटेंगे। १० हजार उम्र के कारण अपात्र है। अब २० हजार में से कुछ आयकर दाता भी कम करना पडेगा। लेकिन उनको वापस जोड़ो उनकी धर्म पत्नी समग्र आईडी नम्बर अलग होने से इसमें पजीबद्ध हो गई है . नगर पालिका मुलताई में आज १४ हजार नागरिक इस योजना में पंजीबद्ध हुए है। शासन की भी मंशा है. बिजली बिल माफ, प्रस्तुति सहायता, अंतेष्टी के ५ हजार, स्कूल फीस माफी, दुर्घटना मौत पर ४ लाख, प्रधान मंत्री आवास, भूमि पट्टा,साधरण मौत पर २ लाख आदि आदि अनेको लाभ। विभाग और शासन ने फार्म के ऊपर ( म. प्र, असंगठित कर्मकार कल्याण अधिनियम , २००३ के अंतर्गत) लिखा है, उसका कोई पालन नही हो रहा है।
ग्रामीण मीडिया ने भौतिक रूप से सूची और व्यक्तिओ का सत्यापन में पाया की, साधन सम्पन्न लोग खाना जिन्होंने कभी खुद के घर में भी झाड़ू पोछा, तक का काम नहीं किया । वे महिला और पुरुष भी इस योजना में अपने आपको पजीबद्ध करवा लिए है और ऑनलाइन उनका पंजीयन हो चुका है। जिला परेशान अधिकारी को आदेशित करते है की और जोड़ो आकड़े अधिक दो, भोपाल जानकारी भेजना है। इस प्रकार जनपद और नगरपालिका में रात दिन पकड़ो और श्रमिक बनाओ लाभ दो।
नगर का हर आम और खास आदमी, नगरपालिका में तो आधे विधुत विभाग में। योजना का लाभ प्राप्त करने चक्कर लगा रहे है। श्रम विभाग में नियोजन के ६९ प्रकार बताए है। नियोजक का अर्थ अंग्रेज़ी में Planning, रोजगार,नियुक्ति और मुलाजमत होता है। इसमें पंजीबद्ध ७० प्रतिशत नागरिक नियोजक ही नहीं है।
जिस प्रकार से गरीबी रेखा की योजना में अपात्रो की भरमार है। ठीक उसी प्रकार से इसके भी हाल योजना के प्रारंभ में है। सरकार का ये प्रयास हो सकता है की चुनाव के पहले हर मतदाता एनकेन प्रकार से योजना का लाभ ले ले। चुनाव प्रचार में काम आएंगे। ग्रामीण मीडिया का निवेदन है की अगर सरकार इतनी दयालु है तो सीधे सीधे खाते में राशि दे दे। लोगो को गलत तरिके से हितग्राही न बनाए। इस योजना के आकड़ो के अनुसार मुलताई में कोई भी बेरोजगार नहीं है।
www.graminmedia.com
No comments:
Post a Comment