ग्रामीण मीडिया सेण्टर| मुलताई
पहला मामला
तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश कृष्णदास महार ने घर में घुसकर बालिका के साथ छेड़छाड़ करने वाले युवक को दोषी ठहराते हुए तीन वर्ष के सश्रम कारावास की सजा से दंडित किया है। सरकारी वकील राजेश साबले के अनुसार 17 वर्षीय छात्रा के माता पिता 10 मई 2017 को शादी में गए थे। उस दौरान घर पर छात्रा ,उसका भाई,छोटी बहन थी। रात में बिजली गुल होने पर तीनों घर का दरवाजा खोलकर सामने के कमरे में सो रहे थे। देर रात में छात्रा किसी ने पैर पकड़ा तो वह चिल्लाई आवाज सुनकर छात्रा के भाई की नींद खुली तो उसने मोबाइल के टार्च की रोशनी में नीलेश गाठे को भागते हुए देखा और रामप्रसाद अमोदे बाहर खड़ा दिखा। पीडि़ता की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी नीलेश पिता हरि गाठे और रामप्रसाद पिता श्यामलाल अमोदे के खिलाफ छेड़छाड़ करने सहित पास्को एक्ट की धारा के तहत केस दर्ज कर विवेचना उपरांत प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत किया। न्यायाधीश श्री महार ने प्रकरण की सुनवाई उपरांत आरोपी नीलेश पिता हरि गाठे को छेड़छाड़ के आरोप में दोषी ठहराते हुए तीन वर्ष के सश्रम कारावास,एक हजार रुपए के अर्थदंड और घर में घुसने के आरोप में तीन वर्ष के सश्रम कारावास और एक हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। जबकि आरोपी रामप्रसाद पिता श्यामलाल अमोदे को दोष मुक्त कर दिया।
दूसरा मामला
ग्राम प्रभातपट्टन मे ग्रामीण को पकडक़र चाकू से हमला करने वाले आरोपी पुत्र को अपर सत्र न्यायाधीश ने छह माह का कारावास की सजा सुनाई जबकि घटना में पुत्र का सहयोग करने वाली मां से 10 हजार रुपए का बंध पत्र भरवाने के आदेश दिए है। अपर सत्र न्यायाधीश कृष्णदास महार ने पुत्र और उसकी मां द्वारा दायर अपील पर फैसला सुनाया।
*क्या है मामला*
सरकारी वकील राजेश साबले के अनुसार बीते 11 जुलाई 2011 की रात में प्रभातपट्टन निवासी कमलेश पिता सुरेश भदरे ग्राम में टॉवर के पास खड़ा था। तभी गांव का सुनील साहू आया और कमलेश को घुसा मारकर भाग गया। कमलेश ने सुनील को गाली दी। इसके बाद सुनील अपनी मां सिंधू बाई को लेकर कमलेश के घर आया। सुरेश भदरे ने दोनों को समझाया तो दोनों घर चले गए। सुरेश भदरे के सिर में दर्द होने पर उसने कमलेश को गोली लेने मेडिकल स्टोर भेजा। कमलेश गोली लेने जा रहा था। मनोहर के घर के पास सिंधू बाई ने कमलेश को पकड़ लिया सुनील ने कमलेश के गर्दन पर चाकू मार दिया। दोनों भाग गए। कमलेश की सूचना परपुलिस ने सिंधू बाई सुनील के खिलाफ केस दर्ज कर प्रकरण कोर्ट में पेश किया। जेएमएफसी आर प्रजापति ने 10 सितंबर 2014 को सिंधू बाई, सुनील को धारा 324 में दोषी पतो हुए छह-छह माह के सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी। दोनों आरोपियों ने जेएमएफसी कोर्ट के फैसले के खिलाफ एडीजे कोर्ट में अपील दायर की।
अपील पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश श्री महार ने बुजुर्ग सिंधू बाई को अपराधिक परीविक्षा अधिनियम की धारा 4 का लाभ देते हुए एक वर्ष के लिए दस हजार रुपए का बंध पत्र जमा कराया। सुनील साहू को जेएमएफसी कोर्ट द्वारा दिए गए छह माह के सश्रम कारावास के फैसले को यथावत रखते हुए आरोपी सुनील की अपील निरस्त कर दी।
*क्या है मामला*
सरकारी वकील राजेश साबले के अनुसार बीते 11 जुलाई 2011 की रात में प्रभातपट्टन निवासी कमलेश पिता सुरेश भदरे ग्राम में टॉवर के पास खड़ा था। तभी गांव का सुनील साहू आया और कमलेश को घुसा मारकर भाग गया। कमलेश ने सुनील को गाली दी। इसके बाद सुनील अपनी मां सिंधू बाई को लेकर कमलेश के घर आया। सुरेश भदरे ने दोनों को समझाया तो दोनों घर चले गए। सुरेश भदरे के सिर में दर्द होने पर उसने कमलेश को गोली लेने मेडिकल स्टोर भेजा। कमलेश गोली लेने जा रहा था। मनोहर के घर के पास सिंधू बाई ने कमलेश को पकड़ लिया सुनील ने कमलेश के गर्दन पर चाकू मार दिया। दोनों भाग गए। कमलेश की सूचना परपुलिस ने सिंधू बाई सुनील के खिलाफ केस दर्ज कर प्रकरण कोर्ट में पेश किया। जेएमएफसी आर प्रजापति ने 10 सितंबर 2014 को सिंधू बाई, सुनील को धारा 324 में दोषी पतो हुए छह-छह माह के सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी। दोनों आरोपियों ने जेएमएफसी कोर्ट के फैसले के खिलाफ एडीजे कोर्ट में अपील दायर की।
अपील पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश श्री महार ने बुजुर्ग सिंधू बाई को अपराधिक परीविक्षा अधिनियम की धारा 4 का लाभ देते हुए एक वर्ष के लिए दस हजार रुपए का बंध पत्र जमा कराया। सुनील साहू को जेएमएफसी कोर्ट द्वारा दिए गए छह माह के सश्रम कारावास के फैसले को यथावत रखते हुए आरोपी सुनील की अपील निरस्त कर दी।
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