ग्रामीण मीडिया सेण्टर|
मुलताई। युग परिवर्तन के लिए अपने आप को बदलने की जरूरत है। धरती, आकाश तो अपना काम नियमित और अनुशासन में करते हैं। हम अपने कर्तव्यों को भूलकर भटक गए हैं। स्वयं में बदलाव आने पर ही युग परिवर्तन होगा। यह बात मासोद में भारत माता मंदिर परिसर में चल रहे अाध्यात्म सत्संग में साध्वी योगमती ने कही। दो दिवसीय अध्यात्म सत्संग में साध्वी योगमती, साध्वी रामकली और साध्वी रामेश्वरी प्रवचनों के माध्यम से श्रद्धालुओं को अपने अंदर की बुराई हटाने की समझाइश दे रही है। साध्वी रामकली ने कहा जीवन दो दिन का मेला है।
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